Ramcharitmanas Hanuman Chalisa Lyrics | Tulsidas Hanuman Chalisa Devotional Poetry In Hindi.
दोहा
दोहा
श्री गुरु चरण
सरज राज , निज
मनु मुकुर सुधारे
|
बरनौ रघुबर बिमल जासु
, जो धयक फल
चारे ||
बुधिहिएँ तनु जानके
, सुमेराव पवन -कुमार
|
बल बूढी विद्या
देहु मोहे , हरहु
कलेस बिकार ||
चोपाई
जय हनुमान ज्ञान गुण
सागर |
जय कपिसे तहु लोक
उजागर ||
राम दूत अतुलित
बल धामा |
अनजानी पुत्र पवन सूत
नामा ||
महाबीर बिक्रम बज्रगी |
कुमति निवास सुमति के
संगी ||
कंचन बरन बिराज
सुबेसा |
कण कुंडल कुंचित केसा
||
हात वज्र औ
दहेज बिराजे |
कंधे मुज जनेऊ
सजी ||
संकर सुवन केसरीनंदन
|
तेज प्रताप महा जग
बंधन ||
विद्यावान गुने आती
चतुर |
राम काज कैबे
को आतुर ||
प्रभु चरित सुनिबे
को रसिया |
राम लखन सीता
मान बसिया ||
सुषम रूप धरी
सियाही दिखावा |
बिकट रूप धरी
लंक जरावा ||
भीम रूप धरी
असुर सहरइ |
रामचंद्र के काज
सवारे ||
लाये संजीवन लखन जियाये
|
श्रीरघुवीर
हर्षा उरे लाये
||
रघुपति किन्हें बहुत बड़ाई
|
तुम मम प्रिये
भारत सम भाई
||
सहरत बदन तुमर्हू
जस गावे |
आस कही श्रीपति
कान्त लगावे ||
संकदीक भ्रमधि मुनीसा |
नारद सरद सहित
अहिसा ||
जम कुबेर दिगपाल जहा
थी |
कवी कोविद कही सके
कहा थी ||
तुम उपकार सुघुव कहिन
|
राम मिलाये राज पद
देंह ||
तुम्रहो मंत्र विभेक्षण मन
|
लंकेश्वर भये सब
जग जान ||
जुग सहेस जोजन
पैर भानु |
लिन्यो ताहि मधुर
फल जणू ||
प्रभु मुद्रिका मेली मुख
माहि |
जलधि लाधी गए
अचरज नहीं ||
दुर्गम काज जगत
के जेते |
सुगम अनुग्रह तुमरे तेते
||
राम दुआरे तुम रखवारे
|
हूट न आगया
बिनु पसरे ||
सब सुख लहै
तुम्हरे सरना |
तुम रचक कहू
को डारना ||
आपण तेज सम्हारो
आपे |
तेनो लोक हकतइ
कापे ||
भुत पेसच निकट
नहीं आवेह |
महावीर जब नाम
सुनावेह ||
नसे रोग हरे
सब पीरा |
जपत निरंतर हनुमत बल
बीरा ||
संकट से हनुमान
चुदावे |
मान कम बचन
दायाँ जो लावे
||
सब पैर राम
तपस्वी रजा |
तिन के काज
सकल तुम सजा
||
और मनोरत जो कई
लावे |
टसुये अमित जीवन
फल पावे ||
चारो गुज प्रताप
तुमारह |
है प्रसिद्ध जगत ujeyara ||
साधू संत के
तुम रखवारे |
असुर निकंदन राम दुलारे
||
Ashat सीधी
नवनिधि के डाटा
|
अस वर दीं
जानकी माता ||
राम रसायन तुम्हरे पासा
|
सदा रहो रघुपति
के दस ||
तुम्रेह भजन राम
को भावे |
जनम जनम के
दुःख बिस्रावे ||
अंत काल रघुबर
पुर जी |
जहा जनम हरी
भगत कहेई ||
और देवता चितन धरयो
|
हनुमत सेये सर्व
सुख करेई ||
संकट कटे मिटे
सब पर |
जो सुमेरे हनुमत बलबीर
||
जय जय जय
हनुमान गुसाई |
कृपा करो गुरु
देव के नाइ
||
जो सैट बार
पट कर कोई
|
चुतेही बंधी महा
सुख होई ||
जो यहे पड़े
हनुमान चालीसा |
होए सीधी सा
के गोरेसा ||
तुलसीदास सदा हरी
चेरा |
कीजेये नाथ हृदये
महा डेरा ||
दोहा
पवंत्नाये संकट हरण
, मंगल मूर्ति रूप |
राम लखन सीता
सहेत , हृदये बसु सुर
भूप ||